उदाकिशुनगंज का खाड़ा चौंक अतिक्रमित होने के कारण रोजाना घंटों लगा रहता है जाम

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उदाकिशुनगंज का खाड़ा चौंक अतिक्रमित होने के कारण रोजाना घंटों लगा रहता है जाम

:-वर्षों से किराया वसूल रहे जमींदार को छोड़ दुकानदार को थमाया अतिक्रमणवाद नोटिस

:-भारी वाहनों को मुड़ने में होती है परेशानी

न्यूज़96इंडिया,मधेपुरा

उदाकिशुनगंज प्रखंड अन्तर्गत खाड़ा चौंक अतिक्रमणमुक्त किये जाने को लेकर दुकानदारों के नाम नोटिस जारी कर दिया गया है. नोटिस में अतिक्रमण वाद सं 08/2024-25 दायर कर सभी दुकानदारों को तय समयावधि में उपस्थित होने के लिए सूचित किया गया है. उन्हें यह भी कहा गया है कि उपस्थित होने तथा उनसे कारण बताने की अपेक्षा की जाती है कि ऐसा अतिक्रमण क्यों नही हटाया जाएगा? इधर सीओ का कहना है कि अनुपस्थित रहने की स्थिति में भी निर्णय ली जा सकती है. दरअसल दुकानदार मिथिलेश केसरी, अखिलेश केसरी, अरूण यादव, नीतीश कुमार, बंटी कुमार, चंदन कुमार, राहुल कुमार, रोहित कुमार व अन्य का कहना है कि खाड़ा चौंक के चारों ओर सभी रैयत (जमींदार) द्वारा अपनी रैयती जमीन का हवाला देते हुए किराया निर्धारित कर दुकान खोलने के लिए सहमति दी गई. ऐसे में कई दुकानदारों से पगड़ी (एकमुश्त धनराशि) जमा कराकर हर माह निर्धारित किराये की वसूली की जाती है. मौजूदा समय में अतिक्रमणमुक्त किये जाने के मामले में रैयत को छोड़कर सभी दुकानदारों के नाम नोटिस जारी कर दिया गया है. इस बावत अंचलाधिकारी हरिनाथ राम ने बताया है कि खाड़ा चौंक पर मापी के दौरान सड़क के अतिक्रमित हिस्से में दुकान पाया गया है. इसलिए दुकानदारों के नाम नोटिस जारी किया गया है. चारों ओर बसे रैयत द्वारा अतिक्रमित किये जाने के मामले में साफ-साफ इन्कार कर दिया गया है.

सरकारी जमीन पर अवैध किराया वसूल रहे लोगों पर अबतक नही हुई है कानूनी कार्रवाई : सरपंच

पंचायत के सरपंच मुन्नी देवी का कहना है कि सरकारी जमीन पर अवैध किराया वसूल रहे लोगों पर अबतक कानूनी कार्रवाई नही की गई है. ऐसे में वर्षों से अवैध किराया वसूल रहे लोगों का मन सातवें आसमान पर पहुंच गया है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ऐसे असमाजिक लोगों पर कानूनी कार्रवाई अवश्य की जानी चाहिए. ताकि अवैध कारनामें की पुनरावृत्ति संभव न हो.

राजेश रंजन उर्फ सोना सिंह का कहना है कि खाड़ा चौंक पर रोजाना घंटों जाम लगा रहता है. भारी वाहनों को मुड़ने में परेशानी होती है. इस दौरान अन्य छोटी-बड़ी गाड़ियां एकसाथ नही गुजर सकती है. जबकि सभी प्रकार के वाहनों को एकसाथ मुड़ने और गुजरने के लिए खाड़ा चौंक पर पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है. अतः अतिक्रमणमुक्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है. ऐसे रैयतों को निजी जमीन में ही दुकानदारों को जगह दी जानी चाहिए.

आशा फॉउंडेशन के निदेशक दिनेश कुमार कहते हैं  खाड़ा चौंक अतिक्रमणवाद के मामले में चारों ओर रैयतों और दुकानदार के विरुद्ध नैतिक पहलुओं को ध्यान में रखकर नोटिस जारी किया जाना चाहिए. सिर्फ दुकानदारों के नाम नोटिस जारी किया जाना एकतरफा कार्रवाई प्रतीत होता है. रैयत द्वारा सभी दुकानदार से सरकारी जमीन पर हर माह किराया वसूल किया जाना नाजायज है. आगामी सुनवाई में अंचलाधिकारी से नैतिक, न्यायोचित एवं विधिसम्मत निर्णय की अपील करता हूं.

 

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