बधाई दल यह सुनकर दंग रह गया, नशामुक्ति अभियान भंग हो गया

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                         नशामुक्ति

नशामुक्ति विषय पर एक संगोष्ठी के आयोजन का विचार आया। आयोजक मंडली एकत्रित हुए और इस संगोष्ठी को शानदार तरीके से आयोजित करने का प्रस्ताव दिये।
मुख्य वक्ता किसे बनाया जाय ,यह विशेष विचार का विषय बना। एकमत से सबों ने कहा कि प्रोफेसर हीरामणि सिंह हीं उपयुक्त होंगे।
हीरामणि बाबु समाजशास्त्र के उद्भट विद्वान हैं, विषय के साथ ख्यातिप्राप्त वक्ता भी हैं। अतः सर्वसम्मति से हीरामणि बाबु के नाम पर सहमति जताई गयी। बड़े बड़े पम्पलेट, प्रचार प्रसार और ध्वनि विस्तारक यंत्र से जनमानस को संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया।
निर्धारित तिथि को संगोष्ठी दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के बाद प्रारंभ हुई। अन्य वक्ताओं के बाद बड़े आदर और सम्मान के साथ मुख्य वक्ता हीरामणि बाबु को मंच पर बुलाया गया।उनके आते हीं खचाखच भरे हौल तालियों की गड़गड़ाहट से सर्वप्रथम उनका स्वागत किया। हीरामणि बाबु बोलना प्रारंभ किये। नशामुक्ति कारण, समाज और परिवार पर इसका घातक प्रभाव, युवाओं की संलिप्तता,उनके भविष्य और फिर राष्ट्र निर्माण में नशामुक्ति अभियान की सार्थकता आदि बिन्दुओं पर लच्छेदार भाषण दिये। बीच-बीच में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक धरातल पर नशा के कारण इसकी अधोगति पर भी जबरदस्त तरीके से उन्होंने विश्लेषण भी किया। तकरीबन डेढ़ घंटे तक भाषण देते रहे। तालियों की गुंज से पुरा हौल तमतमा गया।
दुसरे दिन शहर के चौक चौराहे पर हीरामणि बाबु की हीं चर्चा होने लगी। अजब-गजब का भाषण रहा। विद्वत्ता,ज्ञान और अनुभव से लवरेज हीरामणि बाबु अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं।
आयोजक मंडली के कुछ सदस्यों ने ठकुरसुहाती में प्रोफेसर साहब से मिलकर बधाई देने चले गये। सर , चरणों में समर्पित प्रणाम कृपया स्वीकार करें। सर ,पुरे शहर के चौक चौराहों में आज तो बस आपके भाषण की हीं चर्चा है। सर ,आपको पता है – करीब डेढ़ घंटे आप बोले । क्या ओजपूर्ण भाषण था। एकबार भी तालियां कमजोर नहीं हुई। इतना सुन्दर भाषण नशामुक्ति पर, बधाई सर , बहुत बहुत बधाई।
इतना सुनते ही हीरामणि बाबु बोले – क्या कहेंगे, मुझे भी विश्वास नहीं हो रहा था कि हम नशामुक्ति विषय पर इतना अच्छा भाषण दे देंगे। वह तो भाषण से पहले एक ग्लास अधिक पी लिए थे, इसलिए भाषण इतना अच्छा हो गया,वरणा आशंका थी।
बधाई दल यह सुनकर दंग रह गया,
नशामुक्ति अभियान भंग हो गया।
मौलिक विचार
डाक्टर बी एन विवेका, अंग्रेजी विभाग,बी एन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा बिहार

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