बिहार की झाँकी दिल्ली में,गणतंत्र दिवस परेड में बिहार की झांकी का किया गया चयन

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बिहार की झाँकी दिल्ली में,गणतंत्र दिवस परेड में बिहार की झांकी का किया गया चयन

:-गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार की झांकी का परेड में चयन किया है।

न्यूज़96इंडिया,बिहार

बिहार के सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में स्वर्णिम भारत विरासत एवं विकास की थीम पर बिहार की झांकी प्रदर्शन के लिये चयनित की गई है।

उन्होंने मंगलवार को यहां संवादाता सम्मेलन में बताया कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह 2025 के अवसर पर झांकी के लिए निर्धारित विषय वस्तु ‘स्वर्णिम भारत विरासत एवं विकास की थीम पर रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर बिहार सरकार की झांकी को प्रदर्शन के लिये चयनित की गयी है।

उन्होंने बताया कि बिहार की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया है।मंत्री ने बताया कि प्राचीन काल से बिहार ज्ञान, मोक्ष एवं शांति की भूमि रही है।

झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है। भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में अवस्थित है, जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं।

वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है।

बताया कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। झांकी में प्राचीन नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया है, जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहां ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे। नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं।

इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्द्धन भारतीय सांस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। बिहार सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों से नालन्दा का प्राचीन गौरव पुर्नस्थापित हो रहा है। यह स्थल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।

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