उदाकिशुनगंज अनुमंडल को पुलिस जिला बनाने की मांग अबतक है अधूरी,पुलिस जिला बनाने की मांग को लेकर कवायद तेज
न्यूज़96इंडिया,मधेपुरा,कौनैन बशीर
उदाकिशुनगंज अनुमंडल को पुलिस जिले बनाने की मांग सालों से उठ रही है,लेकिन राजनीतिक व तकनीकी कारणों से इस पर अमल नहीं हो सका है।स्थानीय लोग समय-समय पर बैठक कर इस मांग को मजबूती से रखते आये हैं, लेकिन वर्षों की यह मांग सरकारी फाइलों में दबकर दम तोड़ चुकी है।जबकि उदकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में अपराधीक गतिविधियों की लगातार घटनाओं से और भौगोलिक स्थिति की विषमता के कारण अनुमंडल वासी पुलिस जिले की मांग उठा रहे है।
ज्ञात हो कि बिहार सरकार के पुर्व मंत्री डॉ. रविन्द्र चरण यादव ने उदाकिशुनगंज अनुमंडल को वर्ष 1997 के मार्च महीने के सेशन गैर सरकारी संकल्प के तहत विधानसभा में मामला उठाया था।ज्ञात हो कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल की सीमा पूर्णिया, भागलपुर ,खगड़िया ,एवं सहरसा जिले से मिलती है. सुदूर क्षेत्र एवं दियारा होने के कारण अपराधियों को छुपने में सहायक साबित हो रही है।
पुलिस की टीम यातायात के विषमता के कारण ससमय पहुंच नहीं पाती है अतः इस सुदूर क्षेत्र को देखते हुए उदाकिशुनगंज को पुलिस जिला बनाया जाए।जहां कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सहूलियत होगी एवं अपराध में भी कमी आएगी।
कहते है लोग :-
मेडिकल कॉलेज कटिहार के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पूजा भारती ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से उदकिशुनगंज अनुमंडल को पुलिस जिला बनाया जाना चाहिए क्योंकि इसके दक्षिणी भाग में अधिकांश दियारा क्षेत्र है। जहां पुलिस के लिए गस्ती बहुत कठिन है।पुलिस जिला बनने एवं पुलिस कप्तान के उदाकिशुनगंज में रहने से अपराध में कमी आएगी एवं आमजन,व्यापारी एवं चिकित्साकर्मी निर्भीक होकर कार्य करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता बसंत कुमार झा ने कहा कि आज से 10 वर्ष पूर्व अपराधियों की जनसंख्या कम थी। लेकिन अब उसमें अत्यधिक वृद्धि हो गई है और अपराध करके एक जिले के सीमा से दूसरे जिले की सीमा में चले जाते हैं।जहां पुलिस को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस जिला बन जाने से इसमें कमी आएगी और यह उदाकिशुनगंज अनुमंडल की जनता के लिए हितकारी होगा।
विधान परिषद सदस्य डॉ. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि यह निर्णय तो सरकार को लेना है लेकिन अपराध की संख्या एवं भौगोलिक दृष्टि को देखते हुए उदाकिशुनगंज अनुमंडल को अगर सरकार चाहे तो पुलिस जिला बनाए तो आम जनता के लिए बेहतर होगा।लेकिन यह नीतिगत निर्णय सरकार के ऊपर है। हम लोग चाहेंगे कि पुलिस जिला बन जाए बेहतर होगा।
विधान परिषद सदस्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि आगामी सत्र में इस मामले को हम विधान परिषद में जोर सोर से उठाएंगे, क्योंकि उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में अपराध का ग्राफ बहुत बढ़ गया है और भौगोलिक दृष्टिकोण से उदाकिशुनगंज अनुमंडल की सीमा अनेक जिलों से लगती है,जिसके कारण यह जरूरी भी है और उदाकिशुनगंज का वाजिब हक भी।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के जिला अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि अपराध के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए एवं भौगोलिक जटिलताओं के कारण उदाकिशुनगंज अनुमंडल को पुलिस जिला बनाया जाए।क्योंकि पूर्व में पूर्णिया दक्षिण में भागलपुर खगड़िया एवं पश्चिम मे सहरसा की सीमा सटती है।जिसमें अपराध कर अपराधी दूसरे जिले की सीमा में चले जाते हैं। अपराधियों को अंकुश लगाने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।पुलिस कप्तान के उदाकिशुनगंज रहने से इस पर अंकुश लगेगा यह मांग वाजिब है।
राहुल कुमार यादव ने कहा कि यह तो हम लोगों की सिर्फ प्रशिक्षित मांग है। उदाकिशुनगंज अनुमंडल के इस सुदूर दियारा क्षेत्र में पुलिस जिला बनने के उपरांत अपराध में भारी गिरावट आएगी, क्योंकि दियारा में मक्के की फसल लगने के बाद पुलिस को बहुत दिक्कत होती है. गस्ती करने में और मुख्यालय से पुलिस बल जल्दी से उपलब्ध नहीं हो सकता है.अगर उदाकिशुनगंज पुलिस जिला बन गया तो अपराध में भारी गिरावट आएगी।