मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज के कॉलेज चौंक से खोड़ागंज को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील

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मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज के कॉलेज चौंक से खोड़ागंज को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील

 

:-बदहाल सड़कें खोल रही हैं विकास के दावों की पोल,राहगीरों का चलना हुआ मुश्किल

:-उदाकिशुनगंज के कॉलेज चौंक से खोड़ागंज को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील

न्यूज़96इंडिया,बिहार

रिपोर्ट:-कौनेन बसीर,मधेपुरा, उदाकिशुनगंज

समृद्धि, विकास और मजबूत आर्थिक के लिये जरूरी सड़कें यदि जर्जर होकर गड्ढ़ों में तब्दील हो जाएं तो क्षेत्र विशेष की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र की कई सड़कें ऐसी जर्जर हो गयी है कि लोगों को चलना दूभर हो गया है।इतना ही नहीं जर्जर सड़कों की हालत को खुद बयां करती हैं। सरकार की उदासीनता का हाल यह है कि जिम्मेदार अफसर मौज ले रहे हैं और सरकार बनाने वाली जनता के लिये एक छोटा सा सफर भी सजा की तरह बन रहा है।

खराब और जर्जर सड़कों के कारण कुछ ही पलों का सफर एक दर्दनाक और जोखिम भरी यात्रा का अनुभव दे जाता है। वैसे तो उदाकिशुनगंज प्रखंड की कई सड़कें दम तोड़कर गढ़्ढ़ों में तब्दील हो चुकी है।लेकिन सबसे अधिक व्यस्त और जरूरी सड़कों में शुमार कई मार्गों के हाल बद से बदतर हो चुके हैं।उदाकिशुनगंज मुख्यालय के कॉलेज चौंक से रामपुर खोड़ागंज जबकि नवटोल चौक से सिंगारपुर भाया पुरानी खाड़ा बाजार को सड़क जोड़ने वाली मुख्य मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। जगह-जगह सड़क के टूटे होने और गड्ढों के बन जाने के कारण इस रोड पर आवागमन किसी जोखिम से कम नहीं है।यहां से गुजरते वाहनों जब गड्ढ़ों से होकर गुजरते हैं तो लगता है कि किसी भी पल वो दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।

आम राहगीरों के अलावा वाहनों से सफर करने वाले जान को जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। राहगीरों के अलावे वाहन चालकों को भी इस सड़क पर कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है।जर्जर सड़क के कारण आये दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। लोग न चाहते हुए भी इस तरह की सड़कों पर चलने को विवश हैं। रामपुर खोड़ागंज निवासी दर्जनों लोगों ने उदाकिशुनगंज से खोड़ागंज मार्ग के बारे में कहते हैं कि सरकार और विभाग तो बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत सडकों पर देखने को मिलती है। सड़क जिस तरह से जर्जर हो चुकी है, उससे लगता है कि सरकार और विभाग को जनता की कोई परवाह नहीं है। आए दिन राहगीर गड्ढों में फंसकर चोटिल होते रहते हैं।

प्रसूता को अस्पताल तक ले जाने में होती है परेशानी :-

गाँव कि प्रसुता बहू बेटियों को खराब सड़क के कारण प्रसव वेदना होने पर पीएचसी ले जाने में परेशानी और भी बढ़ जाती है।दूसरी ओर सड़क से किसी वाहन के गुजरते समय अगर कोई राहगीर गुजर रहा होता है तो वाहन से उछलने वाले गिट्टी और बरसात के समय में कीचड़ से उसका पूरा शरीर भी किचरमय हो जाता है। मालूम हो कि इस मार्ग से सहरसा और खगड़िया जिले की सीमा को जोड़ती है। इतना ही नहीं पीपड़ा करौती, खोकसी, नवटोल, सिंगारपुर, खाड़ा सहित एक दर्जन गांव के लोगों आवागमन होता है।

ज्ञात हो कि कई साल से बदहाल इस सड़क पर विगत वर्ष पूर्व खोड़ागंज गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने आक्रोस में आकर व्यवस्था के खिलाफ विरोध जताते हुए किचर युक्त सड़क पर धान की रोपाई कि थी। ग्रामीणों का कहना था कि दो जिला को जोड़ने वाली सड़क बदहाल है। वही नवटोल चौक से सिंगारपुर होते हुए पुरानी खाड़ा बाजार को जोड़ने वाली मुख्य सड़क में आने जाने वाले राहगीर,बाइक चालक एवं महिलाएं गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

सभी आते जाते राहगीर गाँव के लोगों के सामने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए गुजरते हैं। जिससे ग्रामीण भी सर्मशार हो जाते हैं। हालांकि पिछली बार विधायक ने लोगों से कहे थे सड़क निर्माण कार्य का डीपीआर तैयार हो गया जल्दी निविदा प्रक्रिया पूरी की जाएगी और सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा किंतु सालों बीत जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है. वही असुविधाओं को झेल रहे लोगों का सब्र का बांध अब टूटने लगा है।

 

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