मधेपुरा उदाकिशुनगंज में अबतक आधा दर्जन फाइनेंस कंपनी लोगों के करोड़ों रूपया लेकर हो गया चंपत
:-गांव की महिलाओं को झांसे में लाकर बनाया जा रहा है ठगी का शिकार
:-अधिकारी को पता नहीं अनुमंडल क्षेत्र में खुलते रहे फर्जी बैंक
न्यूज़96इंडिया
कौनैन बशीर,उदाकिशुनगंज,मधेपुरा
बिहार के मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में विभिन्न तरह के प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के नाम पर लोगों को सब्जबाग दिखाकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। लोग लालच में पड़ कर अपने घर के जमा पूंजी को डूबों रहे हैं।जबतक लोग होश संभालते है तब तक सबकुछ हाथ से निकल जाते है।
हालांकि ठगी का ये नया मामला नहीं है। विगत कई सालों में गुंडा बैंक,अस्मिथा माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड, सिंधुजा माईक्रो फाइनेंस कंपनी,फेडरल फाइनेंस बैंक जैसे लगभग आधे दर्जन फाइनेंस कंपनी के द्वारा लोग ठगी के शिकार हुए हैं।लेकिन लोग फिर भी सतर्क नहीं हो रहें हैं।
बात जब आपे से बाहर हो जाता है तो लोग सड़क पर उतरकर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन पर उतारू हो जाते है।बावजूद कि लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है। इतना ही नहीं ऐसे मामलों में पुलिस भी मामला दर्ज करने से कतराते हैं। पुलिस को लगता है जांच के लंबे झमेले में कौन पड़ें। पुलिस लोगों से कह देते हैं कि खुद की गलती की है तो खुद भुगतें।फिर पुलिस सलाह देते हैं कि ठगों से सावधान रहें।
पुलिस लोगों से कहते हैं कि कहां रूपया जमा करना है, कंपनी सही है अथवा नहीं, इसका पड़ताल करके ही काम करना चाहिए।लोग हैं कि बिना जाने लालच में पड़ जातें हैं।
ताजा मामला बीते गुरुवार की है। जहां उदाकिशुनगंज में एक प्राइवेट मकान में फेडरल बैंक नामक फाइनेंस कार्यालय का अचानक बंद होने से लोग सकते में पड़ गए।यह कार्यालय अनुमंडल के बिहारीगंज थाना अंतर्गत गोरपार गोरियारी टोला के समीप एसएच 91 के किनारे गुलाब दास के मकान में चल रहा था।
गुरूवार को लोगों को तय राशि के लिए कार्यालय में बुलाया गया था। लेकिन जब लोग कार्यालय पहुंचे तो बंद मिला और इसके कर्मचारियों का मोबाइल स्विच ऑफ मिला। गुस्साएं लोगों ने कार्यालय में तोड़फोड़ की। वहीं कार्यालय में रखें कंप्यूटर व अन्य सामान लेकर लोग चले गए।
वहीं आक्रोशित लोगों ने मकान मालिक के परिजन के साथ मारपीट की।वहीं लोगों ने सड़क जाम कर विरोध जताया।मौके पर उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज थाना की पुलिस और एसडीपीओ अविनाश कुमार के पहुंचने पर भीड़ नियंत्रण हो पाया। गुरूवार को ही देर शाम एसडीएम एसजेड हसन भी थाना पहुंच कर स्थिति से अवगत हुए।
पूर्णियां व मधेपुरा के गांव में घुम घुम कर लोगों को लाया गया झांसे में :-
फेडरल बैंक नामक फाइनेंस कंपनी का इस शाखा कार्यालय अंतर्गत एक दर्जन कर्मचारी के काम करने की बात बताया जा रहा है।कार्यरत कर्मचारी द्वारा पूर्णिया जिला अंतर्गत बड़हरा, कसमरा,मोजमपट्टी एवं मधेपुरा जिला अंतर्गत चंदा, पैना,धनेशपुर,बिहारीगंज, मुरलीगंज आदि गांवों में जाकर महिलाओं को प्रलोभन देकर जाल में फंसाया गया।
तीन हजार जमा करने पर 75 हजार रूपया लोन देने का मिला था प्रलोभन :-
फाइनेंस कर्मचारी द्वारा लोगों से कहा गया कि सभी लोग तीन – तीन हजार रुपए जमा करें। वहीं 12 लोगों का समूह बनाकर रूपया की वसुली की गई। फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ने लोगों को बताया कि तय राशि जमा करने पर 75 हजार का लोन आसानी से मिल जाएगा। लोग कर्मचारी के झांसे में आकर तीन – तीन हजार रूपए जमा किए। लोगों को पावती रसीद भी दिया गया।लोन की राशि के लिए सबों को गुरुवार को कार्यालय बुलाया गया था।जहां कार्यालय बंद कर सभी कर्मचारी फरार थे।
अब राशि ठगी का पीड़ित रो रहे रोना :-
धनेशपुर,चंदा,बड़हरा, मोजमपट्टी,मुशहरी गांव के सैकड़ों पीड़ित रंजो देवी, रूदो देवी,प्रतिमा देवी,सोनी देवी,सुनैना देवी,प्रियंका देवी, ललिया देवी,चुन्नी खातून,लाली देवी, शाहिदा खातून,सोनी देवी,सजदा देवी,पिंकी देवी,सानिया देवी,झिमिया देवी,रंजू देवी सहित अन्य अब राशि ठगी का रोना रो रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि दूसरे से कर्ज लेकर राशि जमा किए थे।इन लोगों ने बताया कि उसे 75 हजार रुपए का लोन देने का प्रलोभन दिया गया था। इसी झांसे में आकर सबों ने राशि जमा कर दी।इन लोगों को यह पता नहीं था कि कंपनी वाले राशि लेकर चंपत हो जाएंगे।
गरीब महिलाओं को दिया जाता है प्रलोभन :-
सरकारी स्वयं सहायता के तर्ज पर नीजी फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा समूह बनाकर लोन देने का प्रलोभन दिया जाता है। इसमें अधिकतर गरीब महिलाएं शामिल होते हैं।गांव के तेजतर्रार महिला को पहले से जोड़ कर उनसे अन्य महिलाओं को जोड़ने का लालच दिया जाता है। जहां लोग कर्मचारी के झांसे में आकर ठगी का शिकार बन रहें हैं।
कई वर्ष पूर्व गुंडा बैंक करोड़ों रूपये लेकर हुआ था फरार :-
उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के बसगरहा गांव में सरस्वती फाइनेंस नामक बैंक चल रहा था। जिसे बाद में गुंडा बैंक नाम दिया गया था।इसके संचालक अजय मंडल भागलपुर जिले का रहने वाला था।बैंक करीब एक दशक तक चला।फिर 25 मार्च 2016 को रातों-रात बैंक का संचालक क्षेत्र के लोगों का करोड़ों रूपया लेकर चंपत हो गया।इसमें बड़े से बड़े और छोटे, मध्यम वर्गीय लोगों ने रूपया जमा किया था इसमें सप्ताहिक हिसाब का प्रावधान था।बैंक के गायब होने पर उस समय काफी बवाल मचा था।
डेढ़ साल पूर्व अस्मिता फाइनेंस कंपनी लुटिया डुबोई :-
उदाकिशुनगंज के चौसा चौक पर बैजनाथ शर्मा के मकान में अस्मिथा माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड कंपनी का कार्यालय खुला था। यह कंपनी भी रातोंरात लोगों का करोड़ों रूपया लेकर फरार हो गया था।इस कंपनी के कर्मचारी ने लोगों के खाते में 61 हजार रूपया देने का प्रलोभन दिया था।उस समय भी लोगों ने जमकर बवाल काटा था।प्रत्येक लोगों से 2999 रूपया जमा करवाया गया था। यह कहा गया था कि लोगों का मुफ्त में बीमा होगा और अच्छी खासी रकम भी दी जाएगी। लोन के तौर पर कुछ समय के लिए लोगों के खाते में 61 हजार आने थे। जब लोगों के खाते में लोन की राशि नहीं पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग कथित बैंक के कार्यालय पहुंचे थे। जहां कार्यालय और कर्मचारियों का मोबाइल स्विच ऑफ मिलने पर लोगों ने बवाल काटा था। इस बैंक में बिहारीगंज के लक्ष्मीपुर लालचंद गांव की रीता देवी, माला देवी, सविता देवी, गीता देवी, रंभा देवी, गौरी देवी व मीना देवी व अन्य ठगी के शिकार हुए थे।बताया कि उनलोगों ने पैसा जमा किया था।यह बताया गया था कि बीमा होगा. उसके बाद जमा राशि से लोन मिलेगा।
घर घर में बंटवाया विजिटिंग कार्ड :-
अनुमंडल क्षेत्र में ऐसे फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के सब्जबाग में फंसे लोगों ने इस बात का खुलासा किया कि कैसे उन लोगों को सब्जबाग दिखाकर रूपये ठगे जाते है। लोगों ने बताया कि कथित बैंक के कर्मचारी दो की संख्या में एक बाईक से लोगों के घर पहुंचते थे। लोगों को अपना विजिटिंग कार्ड उपलब्ध कराया जाता है।कर्मचारी द्वारा लोगों से कहा जाता है कि इस विजिटिंग कार्ड को दूसरे लोगों तक पहुंचा दे। विजिटिंग कार्ड पर कथित बैंक कर्मचारी का मोबाइल नंबर रहता था. जिस पर संपर्क करने की बात कही गई।
ग्रुप तैयार कराने की दी जाती है जानकारी :-
जब कथित बैंक कर्मचारी और अधिकारी के मोबाइल पर लोगों ने बात करना शुरू किया तो उनसे कहा गया कि आप लोग 12 से 20 की संख्या में महिलाओं का ग्रुप बना लें. ग्रुप के माध्यम से लोन मिलेगा।
दो साल के बीमा में तीन तरह के होंगे फायदे :-
लोगों से कहा गया कि 2999 रूपया जमा करने पर लोगों का बीमा हो जाएगा। बीमा की अवधि दो साल की होगी। इस दौरान किसी की आक्समिक मौत जाती है तो परिजन को पांच लाख रुपए मिलेंगे।वहीं बीमा के लिए अलग से कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।परिजन का इस बीमा से मुफ्त में ईलाज होगा।
सात माह पूर्व बंधक बनाए गए थे कर्मचारी :-
उदाकिशुनगंज के मधुबन तीनटेंगा गांव में सात माह पूर्व लोगों ने सिंधुजा माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड कंपनी के तीन कर्मचारियों को बंधक बनाकर बवाल काटा था। यह वाक्या 31 मई 2024 ई. की है. जहां मामला पुलिस तक पहुंचा था। लोगों ने फाइनेंस कर्मचारी पर ठगी का आरोप लगाया था। पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि प्रीतम मंडल ने बताया कि ऐसे बैंक के कर्मचारी भोले-भाले लोगों को झांसे में लाकर ठगी का शिकार बनाते हैं।
अधिकारी को पता नहीं खुलते रहे फर्जी बैंक :-
एक के बाद एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड का फर्जी शाखा खुलता रहा। लेकिन अधिकारी को इसकी जानकारी तक नहीं होती। अधिकारी बताते हैं कि जिन लोगों के मकान में इस तरह के कंपनी का कोई शाखा खुलता है तो उसकी पुष्टि नहीं करते हैं। लोग किराया पर बिना प्रमाणिकता का मकान किराया पर दे देते हैं। इसकी सूचना अधिकारी को भी नहीं मिलती है। अबतक दर्जनों फर्जी बैंक के शाखा खुली और बंद हुई. इसके बावजूद लोग सजग नहीं हो रहें हैं।
कहते है एसडीपीओ :-
मामले को लेकर एसडीपीओ अविनाश कुमार ने बताया कि अभी तक शिकायत आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।लेकिन बिहारीगंज थानाध्यक्ष को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया है।आवेदन मिलने पर मामला दर्ज कर पुलिस जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी।