देश विदेश राज्य राजनीति अपराध स्पोर्ट्स बिजनेस मनोरंजन टेक ऑटोमोबाइल

---Advertisement---

SIR पर कायम तेजस्वी का सवाल, जानबूझकर की गई धांधली,काटे गए 65 लाख मतदाताओं के नाम

On: August 2, 2025 3:47 PM
Follow Us:
---Advertisement---

SIR पर कायम तेजस्वी का सवाल, जानबूझकर की गई धांधली,काटे गए 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची पूंरीक्षण को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार सवाल उठा रहे हैँ. उन्होंने अपने x पर ट्वीट करते हुए लिखा है की मतदाता सूची पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन SIR 2025) की प्रक्रिया में जानबूझकर धांधली की गई है.चुनाव आयोग अब अपने ही वादों से पलट रहा है. 65 लाख मतदाताओं के वोट काटने के बाद भी नई ड्राफ्ट सूची में अस्पष्टता है. निर्वाचन आयोग द्वारा लगातार अपने निर्णय बदलने, पारदर्शिता से पीछे हटने तथा विपक्ष के सुझावों, शिकायतों और मांगों की अनदेखी कर अधकचरी लिस्ट जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

चुनाव आयोग द्वारा शुरू में यह आश्वासन दिया गया था कि मतदाता सूची से हटाए गए प्रत्येक नाम की जानकारी, कारण सहित जैसे कि मृत्यु, स्थानांतरण (शिफ्टेड), दोहराव (रिपीटेड) या लापता (अनट्रेसेबल), सभी राजनीतिक दलों के साथ कारण सहित साझा की जाएगी.जिससे की यह विश्वास बन सके कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतांत्रिक भावना के अनुरूप रही.

लेकिन अब आयोग अपने ही आदेश और वादे से पलट गया है. आयोग से विभिन्न जिलों में राजनीतिक दलों को जो तथाकथित ASD लिस्ट प्राप्त की जा रही है, उसका शीर्षक मात्र इतना है:-

“Part wise list of elector of concerned constituency whose Enumeration Form is not submitted and whose name is not in Draft Roll 2025”.

इस सूची में यह तो दर्ज है कि किन व्यक्तियों का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि उन्हें क्यों नहीं जोड़ा गया? औसतन एक विधानसभा से 25 हजार से लेकर 30 हजार तक वोट काटे गए है.इस सूची से यह न तो राजनीतिक दलों को पता चल सकेगा और न ही आम नागरिकों को, कि किसी व्यक्ति का नाम मृत्यु, स्थानांतरण, दोहराव या किसी अन्य कारण से हटाया गया है.

अब 25-30 हजार की लिस्ट में आप कैसे ढूँढेंगे कि कौन मृत है और कौन स्थानांतरित? अगर चुनाव आयोग की मंशा सच्ची और अच्छी है तो इस सूची को बूथ वाइज देना चाहिए ताकि राजनीतिक दल इन लोगों को ढूँढ सके। चुनाव आयोग ने चालाकी और साजिश करते हुए इसमें ना बूथ का नाम दिया, ना वोटर का पता दिया और सबसे महत्वपूर्ण इसमें ना ही मतदाता का EPIC Number दिया ताकि उससे हम इनका तुलनात्मक अध्ययन और विश्लेषण कर सके.

यह स्थिति चिंताजनक, गंभीर और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विपरीत है। आयोग की ओर से पूर्व में जारी सभी प्रेस विज्ञप्तियों, प्रेस कॉन्फ्रेंस और जिला स्तरीय रिपोर्टों में मृतक, Shifted, रिपीटेड और अनट्रेसेबल मतदाताओं की संख्या अलग-अलग दी जाती रही है. विपक्षी दलों ने बार-बार यह मांग रखी कि विधानसभा वार बूथ वार और विलोपित मतदाताओं को श्रेणीवार सूची जारी की जाए — लेकिन अब आयोग केवल एक साझा लिस्ट दे रहा है, जिसमें किसी भी प्रकार की श्रेणीगत जानकारी या हटाए जाने का आधार शामिल नहीं है.

इससे यह संदेह और भी गहरा होता है कि निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई से डर गया है और जानबूझकर पूरी जानकारी नहीं दे रहा, ताकि उसकी प्रक्रिया की वैधता पर सवाल न उठ सके. लेकिन यह लोकतंत्र के साथ एक गंभीर विश्वासघात है.

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

और पढ़ें

सिंघेश्वर विधानसभा से डॉ. कुंदन सुमन ने ठोकी दावेदारी, बोले- “लालू यादव की पार्टी से चुनाव लड़ना चाहता हूं”

सुपौल:आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बासपा करेगी कार्यकर्ता सम्मलेन,हज़ारों कार्यकर्ता लेंगे हिस्सा,तैयारी पूरी

SIR के बहाने बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर कर रही विपक्षी मतदाताओं की सफाई

नगर की समस्या क़ो ले राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष कुमारी विनीता भारती ने डीएम क़ो सौंपा माँग पत्र

पत्रकार अजित अंजुम पर बिहार में एफआईआर दर्ज़,SIR से जुड़े मामले पर की थी रिपोर्टिंग,सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप

उदाकिशुनगंज के गड्ढेनुमा खेत भी उगल रहे सोना,अब उदाकिशुनगंज के खेतों में भी हो रही है मखाने की खेती

Leave a Comment