बिहार के मजदूर के खाते में अचानक आए 10 ख़रब रूपए,मुंबई में खुलवाया था बैंक खाता
:-बिहार के मजदूर के खाते में आए 10 खरब रुपए:बैंक ने सुरक्षा कारणों से तुरंत फ्रीज किया अकाउंट, जयपुर में करता है मजदूरी जमुई का एक मामूली मजदूर रातों-रात ‘खरबपति’ बन गया है.जयपुर में प्लंबर का काम करने वाले टेनी मांझी के अकाउंट में बुधवार की सुबह अचानक 10 खरब 1 करोड़ 35 लाख 6000 रुपए आ गए.
बिहार के जमुई जिले से एक चौकाने वाली घटना सामने आई है.जहां एक साधारण मजदूरी करने वाले व्यक्ति के बैंक खाते में अचानक 10 खरब 1 करोड़ 35 लाख 6000 हजार रुपए आ गए. रूपये आने की जानकारी सामने आने पर इलाके में हरकंप मच गया.हालांकि सुरक्षा कारणों से खाते को फ्रिज कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार जमुई जिले के रहने वाले कालेश्वर मांझी का पुत्र टेनी मांझी नाम के मजदूर जयपुर में रहकर मजदूरी करते हैं.वह पूर्व में मुंबई मे रहकर मजदूरी किया करता था. टेनि मांझी का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.टेनि मांझी के पिता कसलेश्वर मांझी ने बताया की उनके पुत्र के द्वारा उन्हें बताया गया की बैंक खाते में रुपया आया है.उन्होंने कहा की उन्हें पता हीं नहीं है खाते में कैसे रूपये और कितना रूपये आया है.उनका पुत्र पहले मुंबई में मजदूरी करता था. वहीँ उसने खाता भी खुलवाया था. अब वह जयपुर मे रहकर मेहनत मजदूरी करता है.
ज़ब वह अपने गाँव बिहार में पिता को रूपये भेजनें वाला था तब जाकर पता चला की उसके खाते में इतने रुपये अचानक आ गए.टेनि माझी के पिता बताते हैँ उनका पुत्र उन्हें हज़ार, दो हज़ार रूपये भेजने वाला था.ज़ब रूपये भेज रहा था तो वह रुपया नहीं गया.टेनि मांझी के खाते में 10,01,35,60,00,00,00,00,50,01,00,23,56,00,00,00,28,844 अमाउंट है.
5 साल पहले मुंबई में खुलवाया था खाता:-
टेनी मांझी ने यह बैंक खाता 5 साल पहले मुंबई में मजदूरी करने के दौरान खुलवाया था.वापस गांव लौटने के बाद भी वह कभी-कभार खाते का उपयोग करता था, लेकिन इतनी बड़ी रकम उसके खाते में कैसे आ गई, यह रहस्य बना हुआ है.
बैंक ने अस्थायी रूप से खाता किया फ्रीज
:-
जानकारी मिलते ही बैंक प्रबंधन ने खाते को अस्थायी रूप से फ्रीज कर दिया है और मामला उच्च अधिकारियों तक भेज दिया गया है. बैंक अधिकारियों का कहना है कि यह किसी तकनीकी गड़बड़ी का नतीजा हो सकता है या फिर फर्जीवाड़े की कोशिश भी हो सकती है.
टेनि मांझी के पिता कालेश्वर मांझी ने इक्षा ज़ाहिर की है सरकार यदि चाहे तो उनकी व्यवस्था सुदृढ़ हो सकती है.