दिन में दिया काम बंद कराने का आदेश, रातोंरात सड़क हो गई पक्की करण
न्यूज़96इंडिया,बिहार
ग्रामीण कार्य विभाग के दोहरीनीति से गांव के लोग हतप्रभ हैं। मामला सड़क निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है।गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण कार्य को लेकर लोगों ने शुक्रवार को विरोध किया। यधपि विभाग के सांठगांठ से संवेदक ने रातोंरात काम किया। रात होने के कारण लोग शिकायत अधिकारी तक नहीं पहुंचा पाएं। यधपि स्थानीय लोगों ने काम का वीडियो और फोटो बना लिया। दूसरे दिन जब मामले की जानकारी जब विभागीय अधिकारी को दी गई तो उनका जबाब व्यवस्था को लेकर सामने आया। इससे गांव के लोग और भी आक्रोशित हैं। लोगों ने विभागीय अधिकारी के साथ संवेदक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दरअसल शुक्रवार को मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के मधुबन पंचायत अंतर्गत उदा गांव के समीप मुख्यमंत्री ग्राम सड़क निर्माण कार्य में भाड़ी अनियमितता बरतने को लेकर लोगों ने आक्रोश जताया।लोगों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जमकर बवाल काटा लोगों का आरोप था कि विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से संवेदक निर्माण कार्य में गड़बड़ी कर रहे हैं। शिकायत के बावजूद किसी भी प्रकार की कार्रवाई होता नहीं देख लोगों का आक्रोश भड़क उठा। लोगों के आक्रोश को देखते हुए स्थल पर पहुंचे विभागीय अधिकारी ने काम को बंद करा दिया। अधिकारी ने लोगों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। अधिकारी के काम बंद करने के निर्देश के बावजूद रातोंरात संवेदक ने विभागीय अधिकारी के मिलीभगत से पक्की करण का काम पूरा किया। मालूम हो कि योजना अंतर्गत एनएच 106 से उदा टोला तक एक कड़ोर 29 लाख 60 हजार 196 रुपए के लागत से 1.650 किलोमीटर लंबी बनने वाली सड़क निर्माण कार्य होना है। लोगों की शिकायत है कि संवेदक मिथलेश कुमार के द्वारा जमकर धांधली बरतने की शिकायत मिली। शुक्रवार को
गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण को देख ग्रामीणों में आक्रोश भड़क उठा। मुखिया प्रतिनिधि प्रीतम मंडल के नेतृत्व में सैकड़ो ग्रामीण सड़क पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया। स्थानीय ग्रामीण देवनारायण राम, गोपाल मेहता, विनय कुमार यादव, बालकृष्ण महतो, लालचंद सहनी, पप्पू यादव, इंदल महतो, शिवनंदन यादव, बिशु यादव, मोहन महतो, संतोष यादव, मटकी यादव, उमेश महतो आदि ने कहा कि ठेकेदार के द्वारा इस पीसीसी सड़क में मानक की अनदेखी की जा रही है। सबसे पहले सड़क की चौड़ाई कम है, 18 फिट चौड़ाई में मिट्टी डालना थ सड़क पर जबकि मात्र 10 फीट चौड़ा मिट्टी डाला गया है। 12 फीट 4 इंच चौड़ा पौने इंच मोटी पिचिंग करनी है। जबकि मात्र 10 फीट चौड़ाई आधा इंच से भी काम मोटी पिचिंग की जा रही है। संवेदक के द्वारा ठीक ढंग से जेएसबी भी नहीं किया गया है। मिट्टी पर ही केमिकल डालकर पिचिंग किया जा रहा है। जबकि ठेकेदार को 8 इंच मोटी बालू और मेटल से जेएसबी और 3 इंच जी 3 करना था। जबकि मात्र 2 इंच मोटी जेएसबी किया गया है। वह अभी मिट्टी में कहीं-कहीं गिट्टी मिलकर। पुलिया निर्माण को 6 माह भी नहीं हुआ है और वह क्रैक कर गया है। ठेकेदार की मनसा थी की हम एक ही दिन में सारे रोड का पिचिंग करके निकल जाएंगे। इसलिए उन्होंने दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर पर पिचिंग का सामान लेकर साइट पर आया था। गुणवत्ता विहीन कार्य को देखकर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। शिकायत पर शुक्रवार को विभागीय अधिकारी भी पहुंचे। मामले की पड़ताल की। विभागीय अधिकारी ने काम बंद करने कि निर्देश भी दिया। अधिकारी के निर्देश के बाद दिन में काम बंद भी कर दिया गया। यधपि रात में काम को पूरा कर लिया गया। इसमें विभागीय सांठगांठ से इंकार नहीं किया जा सकता है। वैसे भी ग्रामीण कार्य विभाग की कार्यशैली हमेशा से सुर्खियों में रहा है।
बीत गया समय, नहीं पूरा हुआ निर्माण कार्य निर्माण:-
ज्ञात हो कि यह सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ की तिथि 20 सितंबर 2024 था और कार्य मुकम्मल होने का अंतिम तिथि 19 सितंबर 2022 तक पूर्ण किया जाना था परंतु आज तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। करीब 3 माह पुर्व निर्माण कार्य की समय सीमा समाप्त हो गई है। बावजूद अभी तक सड़क अधुरी है। मंथर गति से चल रहे निर्माण कार्य में जमकर लूट हो रही है। वही इस सड़क निर्माण का प्राक्कलित राशि 01 करोड़ 29 लाख 60 हजार 1 सौ 96 रुपए से हो रहे कार्य में संवेदक पर विभाग का रहमोकरम चल रहा है। वही देरी से सड़क निर्माण में भारी अनियमितता बरते जाने का आरोप मुखिया प्रतिनिधि प्रीतम मंडल एवम अन्य ग्रामीणों ने भी लगाया है। प्रीतम मंडल ने कहा कि टोले में पीसीसी सड़क निर्माण में गुणवतापूर्ण कार्य नहीं होने से सड़क के जल्द टूटने की संभावना है। इस कार्य में प्राक्कलन अनुसार काम नहीं किया जा रहा है। अगर निर्माण कार्य में सुधार नहीं लाई जाएगी तो ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि लोगों की शिकायत पर संवेदक को काम बंद करने का निर्देश दिया गया। रात में कैसे काम किया, इसकी जांच की जाएगी और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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