Atul subhash:एक मौत कई सवाल,कई आरोप,कई सफाई
:-अतुल सुभाष की मौत ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए
छत्तीसगढ़ से बिहार और फिर बिहार से बेंगलुरु तक जा सफर तय कर अतुल ने दुनियां को अलविदा कह दिया।अतुल ने सुसाइड से पहले जो वीडियो बनाई जो बातें कही उसने पूरी दुनियां को झकझोर कर रख दिया।अतुल के दर्द की दास्तां सुनकर हर कोई हैरान रह गया।वह हर तरीके से हर सिस्टम से हार गया।सुसाइड से पहले डेढ़ घण्टे का वीडियो,24 पन्नों का सुसाइड नोट हर किसी को हैरान करने के लिए काफी है।बिहार के समस्तीपुर जिले से निकलकर अपने परिवार के साथ खुशी पूर्वक रहने वाला लड़का इस तरह दुनियां छोड़कर जाएगा किसी ने कल्पना भी नहीं कि होगी।
अतुल ने अपनी पत्नि निकिता सिंघानियां और सास निशा सिंघानियां पर पर केस के बदले पैसे के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली।एक घण्टे 20 मिनट के वीडियो में उन्होंने बहुत कुछ कहा है।सुसाईड नोट में भी उन्होंने कहा कि निकिता और उसके परिवार वालों ने उनपर घरेलू हिंसा, हत्या की कोशिश, दहेज प्रताड़ना समेत 9 केस दर्ज करवा दिए।अतुल और निकिता की शादी 2019 में हुई थी।अतुल ने बताया कि शादी के बाद से ही निकिता और उसके परिवार वाले किसी न किसी बहाने से उनसे पैसे मांगते थे।हमेशा रुपये-पैसों के लिए उसके साथ गलत बर्ताव किया जाता था।बहुत सारे केस दर्ज करवा दिए गए।हर केस में उससे उसकी पत्नी पैसों का डिमांड करती रहती थी।वीडियो में अतुल ने कहा कि अब उन्हें सुसाइड कर लेनी चाहिए।पत्नी,सास,सिस्टम,थाना,पुलिस यहाँ तक कि जज भी उनसे पैसों की डिमांड किया करते थे।मुझे और मेरे परिवार को सभी परेशान करेंगे।इससे अच्छा है वह सुसाइड कर लें।
अतुल की पत्नी भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और वो यूपी के जौनपुर की रहने वाली है। लंबे समय से दोनों अलग रह रहे थे। निकिता जौनपुर में थी, जबकि अतुल बेंगलुरु में अपने माता-पिता के साथ। अतुल के पिता का कहना है कि उसकी पत्नी ने उनके बेटे पर दर्जनों केस दर्ज करवाए थे। उन केसों की सुनवाई जौनपुरी की फैमिली कोर्ट में चल रही थी।
अतुल की आखिरी चिट्ठी:-
:-2019 में शादी के बाद से ही निकिता और उसका परिवार मुझे परेशान करने लगा था।
:-निकिता का परिवार मुझसे पैसे मांगता था, लेकिन शुरुआत में देने के बाद फिर मैंने मना कर दिया।
:-मुझे और मेरे परिवार को झुठे मुकदमे में फंसाया गया, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना का केस लगाया गया।
:-इन केसों की सुनवाई के लिए लगभग 120 तारीखें लगी।
:-मुझे 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर जाना पड़ा, जबकि मुझे साल में 23 छुट्टी मिलती हैं।
:-जज ने भी मुझसे रिश्वत मांगी। हर पेशी पर अलग से रिश्वत मांगी जाती थी।
अतुल सुभाष के इस सुसाइड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।