उदाकिशुनगंज अनुमंडल के मंजौरा में 35 साल बाद भी नहीं बना थाना,सीमावर्ती अपराध रोकने के लिए बना था कैंप

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उदाकिशुनगंज अनुमंडल के मंजौरा में 35 साल बाद भी नहीं बना थाना,सीमावर्ती अपराध रोकने के लिए बना था कैंप

:-पूर्णिया और मधेपुरा जिले की सीमा पर अपराध पर रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस पदाधिकारी ने बनाया था कैंप

:-उदाकिशुनगंज अनुमंडल के मंजौरा में 35 साल बाद भी नहीं बना थाना

न्यूज़96इंडिया,बिहार

उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय से सटे मन्जोरा पंचायत में पुलिस कैंप का निर्माण दशकों पूर्व हुआ था।यह कैंप पूर्णिया और मधेपुरा जिले की सीमा पर अपराध पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाया था।यहाँ दोनों जिलों का सीमा पड़ता है।अपराधी एक जिले से अपराध कर दूसरे जिले में प्रवेश कर जाता था।लगातार हो रही घटना पर अंकुश लगाने के लिए मन्जोरा कैंप का निर्माण किया गया था।लेकिन ओपी को थाना का दर्जा दिलाने की मांग उठने लगी।लोगों का कहना है कि यह ओपी अपराध नियंत्रण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहा है।जबकि
जनसंख्या और अपराध नियंत्रण की दृष्टि से यह थाना की पूर्ण अहर्ता रखता है।ज्ञात हो कि पुलिस पदाधिकारी ने उदाकिशुनगंज के मंजौरा बाजार में थाना स्थापित करने के लिए कई वर्ष पूर्व प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा था।यह प्रस्ताव उस समय छातापुर के भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू के विधानसभा में उठाए गए सवाल पर भेजा गया था।उस समय विधायक विधानसभा में मंजौरा में थाना खोले जाने का प्रस्ताव रखा था।सरकार द्वारा उनके प्रस्ताव को मान भी लिया गया।विधायक द्वारा उठाए गए सवाल पर राज्य सरकार ने जांच कर प्रस्ताव मांगा था।जहां स्थानीय पुलिस प्रशासन ने जांच कर रिपोर्ट समर्पित कर दी। प्रस्ताव मार्च 2017 में ही भेजा गया। बताया गया कि उस तत्कालीन डीएम ने थाना खोले जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेज दिया है। उस समय उम्मीद जताया गया कि राज्य सरकार से थाना स्थापना किए जाने की जल्द मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन अब तक मंजौरा में थाना नहीं बन पाया। प्रस्ताव में सीमावर्ती क्षेत्र होने, अपराधी गतिविधियों और पांच साल के आपराधिक इतिहास का उल्लेख किया गया है।

इन पंचायतों को किया गया था शामिल :-

प्रस्तावित थाना के अधीन उदाकिशुनगंज के मंजौरा, बीडी रणपाल,जौतेली, बिहारीगंज के लक्ष्मीपुर लालचंद, पुरैनी के वंशगोपाल पंचायत को शामिल किया गया था।मंजौरा में थाना खुलने से आसपास के गांव के बडी आबादी को फायदा होता।इससे लोगों की परेशानी कम होगी।वहीं किसान व व्यवसायी की परेशानी कम होगी। क्षेत्र में बडे पैमाने पर किसान नगदी खेती किया करते हैं।बताया जाता है कि उदाकिशुनगंज प्रखंड और बिहारीगंज थाना क्षेत्राधीन मंजौरा बाजार में 1989 से पुलिस कैंप स्थापित है। जहां अपराध नियंत्रण के लिए एक पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल हमेशा रह रहे हैं।

ग्रामीणों ने कहा थाना की है आवश्यकता :-

उदाकिशुनगंज अनुमंडल के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के मंजौरा ओपी को थाना का दर्जा दिये जाने की मांग भी उठती रही है।ओपी क्षेत्र के अन्तर्गत कई पंचायतों के पचास हजार से अधिक की आबादी है।यहां के लोगों को अपराध व दूसरे मामलों को लेकर बिहारीगंज थाना का चक्कर काटना पड़ता है।इधर मंजौरा एक बेहतर बाजार के रुप में लगातार विकसित हो रहा है। कारोबारियों की संख्या बढ़ रही है।ऐसे में इसे थाना का दर्जा दिये जाने की आवश्यकता लगातार महसूस की जाती रही है।

आज तक मिलता रहा सिर्फ आश्वासन :-

अपराध और नक्सली गतिविधि को लेकर यह ओपी क्षेत्र काफी संवेदनशील रहा है।नक्सली गतिविधि के कारण क्षेत्र में कई बड़ी घटनाएं भी पूर्व में हो चुकी है।क्षेत्र के लोगों द्वारा मंजौरा ओपी को थाना का दर्जा दिए जाने की मांग होती रही है।जनता की मांग पर पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों द्वारा लगातार आश्वासन भी दिए जाते रहे हैं,लेकिन जमीन पर स्थिति यथावत है।जानकारी के अनुसार थाना स्थापना को लेकर प्रस्ताव सरकार तक भेजे जा चुके हैं, लेकिन कोई पहल नहीं हो पायी है।

कहते है पदाधिकारी :-

सीडीपीओ अविनाश कुमार ने कहा कि मंजौरा में थाना खोले जाने का प्रस्ताव का मामला कहां पर अटका हुआ है।पूरी जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।

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