सिलाई मशीन से कपड़े सिलकर जेहन बन गई आत्मनिर्भर,लाखों रुपये की हो रही आमदनी

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सिलाई मशीन से कपड़े सिलकर जेहन बन गई आत्मनिर्भर,लाखों रुपये की हो रही आमदनी

:-बिहार के बाँका जिले के छोटे से गाँव में रहकर भी एक लड़की ने रच दिया इतिहास।कपड़ों की सिलाई कर बन गई आत्मनिर्भर।महिलाओं को भी रही है रोजगार।

न्यूज़96इंडिया,बिहार

बिहार के बाँका जिले की एक लड़की ने कमाल कर दिया है।खुद के पैरों पर खड़े होकर आज वो आसपास की कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है।महिला अपने जोश और जज़्बे के बदौलत क्षेत्र में नाम कमा रही है।वह सालाना लाखों रुपये खुद भी कमाती है और अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर देती है।

जानकारी के अनुसार बाँका जिले के मालिक टोला की रहने वाली जेहन दिल्ली में रहकर बॉयोटेक कोर्स की पढ़ाई कर रही थी।लेकिन आर्थिक स्थिति माली रहने के कारण उन्हें गाँव लौटना पड़ा।जेहन हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थी।हर सम्भव प्रयास करती थी।परंतु आर्थिक चुनौतियां अक्सर उनके सामने दीवार बनकर खड़ी रहती थी।

कुछ समय पश्चात जेहन को बिहार सरकार उद्धोग विभाग की मुख्यमंत्री अतिपिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के विषय में पता चला।जिसके विषय में उन्हें जानकारी प्राप्त हुई।इस योजना के तहत जेहन को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।जिसकी मदद से उन्होंने रेडीमेड गारमेंट यूनिट विंटेज ड्रीम नाम से रेडीमेड कपड़ों को सिलने का कार्य प्रारंभ किया।धीरे-धीरे जेहन को कपड़े सिलने के लिए आर्डर आने लगे।

जेहन कहती है उन्हें अब लगता है वो एक व्यवसायी है।उन्हें एक अवसर मिला जिसपर उन्होंने काम किया।धीरे-धीरे व्यबसाय चलने लगा है।

उनके विंटेज ड्रीम प्रोजेक्ट का सालाना टर्नओवर 36 लाख रुपये है।वह हर महीने 50 हज़ार रुपये कमाती है।जेहन बताती है कि यह सब उनके लगन और मेहनत के कारण हो पाया है।आज वो गाँव के आसपास की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही है।उन्होंने कहा कि हर महिला को प्रयास करना चाहिए।प्रयास से हीं सफलता मिलती है।

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